माँ स्कंदमाता की आरती,Maa Skandamata Ki Aarti

माँ स्कंदमाता की आरती - मां स्कंदमाता की आरतीजय तेरी हो स्कन्द माता।

स्कंदमाता, मां दुर्गा के पांचवें स्वरूप हैं. उनका नाम स्कंद से आया है, जो युद्ध के देवता कार्तिकेय और माता का एक वैकल्पिक नाम है. स्कंद कुमार अर्थात स्वामी कार्तिकेय की माता होने के कारण मां के पांचवें स्वरूप को स्कंदमाता कहा जाता है स्कंदमाता का मंदिर वाराणसी के जगतपुरा क्षेत्र स्थित बागेश्वरी देवी मंदिर परिसर में मौजूद है. मान्यता है कि एक समय देवासुर नाम के राक्षस ने वाराणसी में संतों आम लोगों पर अत्याचार शुरू कर दिया. इस पर मां स्कंदमाता ने उस राक्षस का विनाश कर दिया. इस घटना के बाद यहां माता की पूजा की जाने लगी ! नवरात्रि के पांचवे दिन स्कंदमाता की पूजा के लिए प्रात: स्नान के बाद पीले रंग के वस्त्र धारण करें. पूजा के लिए हाथ में लाल पुष्प लेकर देवी स्कंदमाता का आह्वान करें. देवी को अक्षत, धूप, गंध, फूल, बताशा, पान, सुपारी, लौंग चढ़ाएं. माता की आरती कर, शंख बजाएं और मंत्रों का जाप करें !
Skandamata Ki Aarti : Maa Skandamata Ki Aarti

  • माँ स्कंदमाता की आरती:Maa Skandamata Ki Arati

जय तेरी हो स्कन्द माता।
पांचवां नाम तुम्हारा आता॥

सबके मन की जानन हारी।
जग जननी सबकी महतारी॥

तेरी जोत जलाता रहूं मैं।
हरदम तुझे ध्याता रहूं मै॥

कई नामों से तुझे पुकारा।
मुझे एक है तेरा सहारा॥

कही पहाड़ों पर है डेरा।
कई शहरों में तेरा बसेरा॥

हर मन्दिर में तेरे नजारे।
गुण गाए तेरे भक्त प्यारे॥

भक्ति अपनी मुझे दिला दो।
शक्ति मेरी बिगड़ी बना दो॥

इन्द्र आदि देवता मिल सारे।
करे पुकार तुम्हारे द्वारे॥

दुष्ट दैत्य जब चढ़ कर आए।
तू ही खण्ड हाथ उठाए॥

दासों को सदा बचाने आयी।
भक्त की आस पुजाने आयी॥

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